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पन्ना बुध का रत्न है। बुध ग्रह वाणी, युवा, व्यापार, हाजमा आदि का कारक होता है। बुध ग्रह की दो राशियाॅ होती है मिथुन व कन्या। प्राकृतिक कुण्डली में मिथुन राशि तृतीय भाव में होती है एंव कन्या छठें भाव में पड़ी होती है। पन्ना बहुत ही प्रभावकारी रत्न है।

पन्ना रत्न है फायदेमंद, लेकिन पहनने से पहले जान ले यें बात आईये जानते है कि पन्ना रत्न किसे धारण करना चाहिए और किसे नहीं। पन्ना पहनने के लाभ पन्ना रत्न बुध ग्रह से सम्बन्धित है और बुध का स्मरण शक्ति पर सबसे अधिक प्रभाव रहता है, इसलिए जिन लोगों की स्मरण शक्ति कमजोर हो, उन्हें पन्ना धारण करने लाभ होता है। जो लोग किसी भी प्रकार का व्यापार करते है उनके लिए पहनना अत्यन्त लाभकारी सिद्ध होता है। जिन बच्चों का पढ़ाई में मन न लगता हो या फिर जो पढ़ते हो वह शीघ्र ही भूल जाते है, उन्हें चांदी के लाकेट में पन्ने को बनवाकर गले में धारण करवाना चाहिए।

सर्प भय पन्ने को 10 मिनट तक पानी में डाले उसके पश्चात उस पानी की छींटे आंखों में मारने से नेत्र रोगों में आराम मिलता है एंव आंखे स्वस्थ्य रहती है। जिन लोगों को सर्प भय रहता है, उन्हें पन्ना जरूर धारण करना चाहिए। गणित और कामर्स की अध्यापकों को पन्ना पहनने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। यदि बुध धनेश होकर भाग्य भाव में हो तो पन्ना धारण करने से भाग्य पक्ष में वृद्धि होती है एंव धन की प्राप्ति होती है। यदि बुध सप्तमेश होकर दूसरे भाव में बैठा हो तो पन्ना पहनने से स्त्री व यात्रा के जरिये धन लाभ होता है। बुध शुभ स्थान का स्वामी होकर अगर लाभ भाव में बैठा हो तो पन्ना पहनने लाभ होता है। मिथुन तथा कन्या राशि वालों के लिए पन्ना पहनना अत्यन्त शुभ रहता है। पन्ना किसे नहीं धारण करना चाहिए?

पन्ना रत्न बुध ग्रह से सम्बन्धित है। बुध एक शुभ ग्रह है, इसलिए अगर इन पापी भावों 6, 8, 12 का बुध स्वामी हो तो पन्ना पहनने से अचानक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। यदि बुध की महादशा चल रही है और बुध आठवें या 12वें भाव में बैठा है तो पन्ना पहनने से समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। पन्ने को ओपल व हीरे के साथ नहीं पहनने से नुकसान होता है। पन्ने को मोती के साथ भी धारण नहीं करना चाहिए। स्वास्थ्य में पन्ने का लाभ जिन लोगों का हाजमा खराब रहता हो, उन्हें पन्ना अवश्य धारण करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को पन्ना धारण करने से अधिक लाभ मिलता है। जो लोग दमा रोग से पीड़ित है, उन्हें पन्ना रत्न चांदी की अॅगूठी में बनवाकर कनिष्ठका अॅगुली में धारण करने से रोग में कमी आती है। पन्ना पहनने से पौरूष शक्ति में वृद्धि होती.

धारण करने की विधि –  मंगलवार के दिन प्रातःकाल स्नान-ध्यान करके पन्ने को गंगाजल में दूध मिलाकर डाल दें फिर दूसरे दिन बुधवार को स्नान-ध्यान करके ‘‘ऊॅ बुं बुधाय नमः” की कम से कम एक माला का जाप करने के बाद पन्ने को कनिष्ठका उॅगुली में धारण करें। सूर्योदय से लेकर सबुह 10 बजे तक पन्ना धारण कर लें। मंगलवार, बुधवार और गुरूवार को इन तीन दिन तक नानवेज एंव धूम्रपान कदापि न करेें अन्यथा पन्ना पहने से विशेष लाभ नहीं होगा।

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