Real TIGER STONE (tiger eye)
₹875.50 incl. GST
टाइगर आई रत्न
‘ टाइगर रत्न’ सबसे अधिक प्रभावी एवं शीघ्र फल प्रदान करने वाला रत्न है। इसे टाइगर आई भी कहते हैं। इस रत्न पर टाइगर के समान पीली एवं काली धारियां होने के कारण इसे टाइगर आई रत्न कहते हैं। इसका प्रभाव टाइगर (चीता) के समान होता है। इसे धारण करने से तुरंत लाभ हो जाता है। जो व्यक्ति आत्मविश्वास की कमी के कारण बार-बार व्यापार एवं अन्य कार्यों में असफल होता हो, दुखी जीवन व्यतीत कर रहा हो, उस व्यक्ति को टाइगर स्टोन गजब का आत्मविश्वास प्रदान करता है।
इसे धारण करने से पूर्ण सफलता मिलती है तथा व्यक्ति साहसी एवं पुरुषार्थी बन जाता है। शेर जैसा आत्मबल और साहस भी यह रत्न प्रदान करने में सक्षम है। डरपोक, उदासीन व्यक्तियों के लिए यह स्टोन सही माना गया है।
टाइगर आई रत्न के लाभ
- यदि आप कर्ज में डूबते जा रहे हैं तो कर्ज मुक्ति के लिए शुक्रवार के दिन अभिमंत्रित किया हुआ टाइगर आई रत्न को गले में लॉकेट के रूप में श्वेत धागे में धारण करें।
- बार-बार वाहन दुर्घटना में चोट लग जाती है तो तर्जनी उंगली में टाइगर आई रत्न धारण करें।
- घर में जिन बच्चों व व्यक्तियों को बार-बार नजर लगती है, मानसिक तनाव रहता है तो उन्हें टाइगर आई रत्न गले में धारण करना चाहिए।
- व्यापार घाटे में जा रहा हो, सरकारी परेशानियां बढ़ती ही जा रही हों, वर्तमान में घाटा आ रहा हो तो टाइगर आई रत्न धारण करें।
- जिस व्यक्ति का विवाह नहीं हो रहा हो, तो उस जातक को टाइगर आई रत्न ऋषि पंचमी को तर्जनी उंगली में धारण करें। विवाह शीघ्र ही सुयोग्य लड़की से होगा।
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Description
real tiger stone, DIMOND &GEM LABORATORIES OF AMERICA certified product,
Identification.. Natural guartz tiger eye,
Color.. golden brown
Certificate no. M1-1565655
For online verification.. www.dgla.com
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GEMS STONE munga (natural coral)
0 out of 5(0)मूंगा समुद्र में पायी जानी वाली एक वनस्पति है, जिसे मंगल का रत्न कहा जाता है। जिन लोगों की कुण्डली में मंगल पापी होकर अशुभ फल दे रहा होता है, उसे नियंत्रित करने के लिए मूंगा धारण करना चाहिए। मूंगा एक ऐसा रत्न है, जिसे धारण करने से अनेको प्रकार के लाभ प्राप्त होते है।
मंगल रत्न मूंगा से मंगलमय हो जाता है जीवन आईये जानते है कि मूंगा पहनने के क्या-क्या फायदे हैंं. मूंगा पहनने के लाभ इस रत्न को सोने/चॉदी या तॉबे में पहनने से बच्चों को नजर नहीं लगती एंव भूत-प्रेत व बाहरी हवा का भय खत्म हो जाता है। मूंगा धारण करने से ईर्ष्या दोष समाप्त होता है, साहस व आत्म-विश्वास में वृद्धि होती है। मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोगों को मूंगा पहनने से अत्यन्त लाभ होता है। उदासी व मानसिक अवसाद पर काबू पाने के लिए मूॅगा रत्न अवश्य धारण करना चाहिए। किसी बच्चे को आलस्य बहुत सता रहा है तो… पुलिस, आर्मी, डाक्टर, प्रापर्टी का काम करने वाले, machinery निर्माण करने वाले, सर्जन, कम्प्यूटर साप्टवेयर व हार्डवेयर इन्जीनियर आदि लोगों को मूॅगा पहनने से विशेष लाभ होता है। अगर किसी बच्चे को आलस्य बहुत सता रहा है तो उसे मूॅगा पहनाने से उसका आलस्य दूर भाग जाता है। यदि किसी व्यक्ति को रक्त से सम्बन्धित कोई दिक्कत है तो उसे मूंगा पहनने से फायदा मिलता है। मिर्गी तथा पीलिया रोगियों के लिए मूंगा पहनना अत्यन्त हितकारी साबित होता है।
₹923.91 incl. GSTNILAM stone (natural blue sapphire)
0 out of 5(0)सभी ग्रहों का एक रत्न होता है। शनि ग्रह का रत्न नीलम है, जिसे अंग्रेजी में ‘ब्लू सेफायर’ कहते हैं। ज्योतिष विज्ञान में इसे कुरूंदम समूह का रत्न कहते हैं। इस समूह में लाल रत्न को माणिक तथा दूसरे सभी रत्नों को नीलम कहते हैं। इसलिए नीलम सफेद, हरे, बैंगनी, नीले आदि रंगों में प्राप्त होता है।
रत्नों में सबसे अच्छा ब्लू सेफायर नीले रंग का होता है। जिसका रंग आसमानी, गहरा नीला, चमकीला नीला आदि होता है। नीलम रत्न के गुण नीलम रत्न शनि ग्रह का रत्न कहलाता है।
ऐसा माना जाता है कि मोर के पंख जैसे रंग वाला नीलम सबसे अच्छा माना जाता है। यह बहुत चमकीला और चिकना होता है। इससे आर-पार देखा जा सकता है।
नीलम रत्न को पहनने के लिए कुंडली में निम्न योग होने आवश्यक हैं। नीलम रत्न के फायदे नीलम शनि का रत्न है और अपना असर बहुत तीव्रता से दिखाता है इसलिए नीलम कभी भी बिना ज्योतिषी की सलाह के नहीं पहनना चाहिए। नीलम रत्न को पहनने के लिए कुंडली में निम्न योग होने आवश्यक हैं। मेष, वृष, तुला एवं वृश्चिक लग्न वाले अगर नीलम को धारण करते हैं तो उनका भाग्योदय होता है। चौथे, पांचवे, दसवें और ग्यारवें भाव में शनि हो तो नीलम जरूर पहनना चाहिए। शनि छठें और आठवें भाव के स्वामी के साथ बैठा हो या स्वयं ही छठे और आठवें भाव में हो तो भी नीलम रत्न धारण करना चाहिए। शनि मकर और कुम्भ राशि का स्वामी है। इनमें से दोनों राशियां अगर शुभ भावों में बैठी हों तो नीलम धारण करना चाहिए लेकिन अगर दोनों में से कोई भी राशि अशुभ भाव में हो तो नीलम नहीं पहनना चाहिए। शनि की साढेसाती में नीलम धारण करना लाभ देता है। शनि की दशा अंतरदशा में भी नीलम धारण करना लाभदायक होता है। शनि की सूर्य से युति हो, वह सूर्य की राशि में हो या उससे दृष्ट हो तो भी नीलम पहनना चाहिए। कुंडली में शनि मेष राशि में स्थित हो तो भी नीलम पहनना चाहिए। कुंडली में शनि वक्री, अस्तगत या दुर्बल अथवा नीच का हो तो भी नीलम धारण करके लाभ होता है। जिसकी कुंडली में शनि प्रमुख हो और प्रमुख स्थान में हो उन्हें भी नीलम धारण kare
₹976.65₹703.19 incl. GSTREAL 3 mukhi Rudraksha (region NEPAL) small
0 out of 5(0)Benefits of Rudraksha in Hindi: पौराणिक मान्यताएं हैं कि कि शिव के नेत्रों से रुद्राक्ष का उद्भव हुआ और यह हमारी हर तरह की समस्या को हरने की क्षमता रखता है। कहते हैं रुद्राक्ष जितना छोटा हो, यह उतना ही ज्यादा प्रभावशाली होता है। सफलता, धन-संपत्ति, मान-सम्मान दिलाने में सहायक होता है रुद्राक्ष, लेकिन हर चाहत के लिए अलग-अलग रुद्राक्ष को धारण किया जाता है। वैसे, रुद्राक्ष संबंधी कुछ नियम भी हैं, जैसे- रुद्राक्ष की जिस माला से आप जाप करते हैं उसे धारण नहीं किया जाना चाहिए। रुद्राक्ष को किसी शुभ मुहूर्त में ही धारण करना चाहिए। इसे अंगूठी में नहीं जड़ाना चाहिए। कहते हैं, जो पूरे नियमों का ध्यान रख श्रद्धापूर्वक रुद्राक्ष को धारण करता है, उनकी सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कहा जाता है कि जिन घरों में रुद्राक्ष की पूजा होती है, वहां मां लक्ष्मी का वास होता है। यह भगवान शंकर की प्रिय चीज मानी जाती है।
₹1,601.65₹1,031.03 incl. GSTReal NILAM stone (natural blue sapphire)
0 out of 5(0)सभी ग्रहों का एक रत्न होता है। शनि ग्रह का रत्न नीलम है, जिसे अंग्रेजी में ‘ब्लू सेफायर’ कहते हैं। ज्योतिष विज्ञान में इसे कुरूंदम समूह का रत्न कहते हैं। इस समूह में लाल रत्न को माणिक तथा दूसरे सभी रत्नों को नीलम कहते हैं। इसलिए नीलम सफेद, हरे, बैंगनी, नीले आदि रंगों में प्राप्त होता है।
रत्नों में सबसे अच्छा ब्लू सेफायर नीले रंग का होता है। जिसका रंग आसमानी, गहरा नीला, चमकीला नीला आदि होता है। नीलम रत्न के गुण नीलम रत्न शनि ग्रह का रत्न कहलाता है।
ऐसा माना जाता है कि मोर के पंख जैसे रंग वाला नीलम सबसे अच्छा माना जाता है। यह बहुत चमकीला और चिकना होता है। इससे आर-पार देखा जा सकता है।
नीलम रत्न को पहनने के लिए कुंडली में निम्न योग होने आवश्यक हैं। नीलम रत्न के फायदे नीलम शनि का रत्न है और अपना असर बहुत तीव्रता से दिखाता है इसलिए नीलम कभी भी बिना ज्योतिषी की सलाह के नहीं पहनना चाहिए। नीलम रत्न को पहनने के लिए कुंडली में निम्न योग होने आवश्यक हैं। मेष, वृष, तुला एवं वृश्चिक लग्न वाले अगर नीलम को धारण करते हैं तो उनका भाग्योदय होता है। चौथे, पांचवे, दसवें और ग्यारवें भाव में शनि हो तो नीलम जरूर पहनना चाहिए। शनि छठें और आठवें भाव के स्वामी के साथ बैठा हो या स्वयं ही छठे और आठवें भाव में हो तो भी नीलम रत्न धारण करना चाहिए। शनि मकर और कुम्भ राशि का स्वामी है। इनमें से दोनों राशियां अगर शुभ भावों में बैठी हों तो नीलम धारण करना चाहिए लेकिन अगर दोनों में से कोई भी राशि अशुभ भाव में हो तो नीलम नहीं पहनना चाहिए। शनि की साढेसाती में नीलम धारण करना लाभ देता है। शनि की दशा अंतरदशा में भी नीलम धारण करना लाभदायक होता है। शनि की सूर्य से युति हो, वह सूर्य की राशि में हो या उससे दृष्ट हो तो भी नीलम पहनना चाहिए। कुंडली में शनि मेष राशि में स्थित हो तो भी नीलम पहनना चाहिए। कुंडली में शनि वक्री, अस्तगत या दुर्बल अथवा नीच का हो तो भी नीलम धारण करके लाभ होता है। जिसकी कुंडली में शनि प्रमुख हो और प्रमुख स्थान में हो उन्हें भी नीलम धारण kare
₹1,279.26 incl. GSTReal MOTI (Pearl KC)
0 out of 5(0)वैदिक ज्योतिष में मोती एक शुभ रत्न माना गया है, यह चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है। वे व्यक्ति जिनकी जन्म कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, उन्हें मोती अवश्य धारण करना चाहिए। क्योंकि यह चंद्रमा से संबंधित सभी दोषों का निवारण करता है। मोती समुद्र में सीपियों द्वारा बनाया जाता है। इस वजह से अच्छी गुणवत्ता के मोती की उपलब्धता कम होती है।
ये सफेद चमकदार और कई आकार में होते हैं लेकिन गोल मोती ही सबसे अच्छा माना जाता है। प्राचीन काल से ही रत्नों में मोती का बड़ा महत्व है। मोती में कुछ चिकित्सीय गुण भी पाये जाते हैं, विशेषकर एशियाई मूल की मेडिकल व्यवस्था में इसका प्रयोग किया जाता है। मोती में क्रिस्टल के समान आध्यात्मिक गुण भी होते हैं। आभूषण के मामले में मोती बेहद लोकप्रिय है, इसे हार या अंगूठी में डालकर पहना जाता है।
अब यदि हम मोती के प्रकारों की बात करें तो, मूल रूप से मोती दो प्रकार के होते हैं ताजा जल वाले मोती और खारे जल वाले मोती। इसके अलावा मोती कई रंगों जैसे गुलाबी और काले आदि तरह के कलर में उपलब्ध होते हैं। आभूषण का शौक रखने वाले लोगों में काले मोती का हार बेहद लोकप्रिय है।
मोती के फायदे
हर सभ्यता और संस्कृति में आभूषण के मामले में मोती बड़ा ही महत्व रखता है। मोती जिसे अंग्रेजी में पर्ल कहते हैं यह शब्द फ्रेंच से लिया गया है जबकि हिन्दी में यह मोती के रूप में प्रसिद्ध है। महिलाएं इस आकर्षक रत्न को हमेशा हार और अंगूठी में पहनना पसंद करती हैं। मोती धारण करने के कई फायदे हैं, जो इस प्रकार है:
- मोती चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है और चंद्रमा मन का कारक होता है, इसलिए मोती धारण करने से मन स्थिर रहता है व नकारात्मक विचारों का नाश होता है।
- मोती के प्रभाव से रिश्तों में मधुरता बनी रहती है, विशेषकर पति-पत्नी के संबंधों में। क्योंकि यह रिश्तों में स्नेह,विश्वास और देखभाल को दर्शाता है।
- मोती महिलाओं के लिए ऊर्जा का सार है, इसलिए उन महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी है, जो किसी रोग से पीड़ित हैं।
- मोती धारण करने से आत्म विश्वास में वृद्धि होती है और जीवन में समृद्धता आती है।
- मोती शारीरिक शक्ति में बढ़ोत्तरी करता है और बुरी ताकतों से आपकी रक्षा करता है।
- मोती के प्रभाव से स्मरण शक्ति में भी वृद्धि होती है और यह कलात्मकता, संगीत,कला और स्नेह के प्रति उत्तेजित करता है।
₹701.43 incl. GSTGEMS STONE munga coral
0 out of 5(0)मूंगा समुद्र में पायी जानी वाली एक वनस्पति है, जिसे मंगल का रत्न कहा जाता है। जिन लोगों की कुण्डली में मंगल पापी होकर अशुभ फल दे रहा होता है, उसे नियंत्रित करने के लिए मूंगा धारण करना चाहिए। मूंगा एक ऐसा रत्न है, जिसे धारण करने से अनेको प्रकार के लाभ प्राप्त होते है।
मंगल रत्न मूंगा से मंगलमय हो जाता है जीवन आईये जानते है कि मूंगा पहनने के क्या-क्या फायदे हैंं. मूंगा पहनने के लाभ इस रत्न को सोने/चॉदी या तॉबे में पहनने से बच्चों को नजर नहीं लगती एंव भूत-प्रेत व बाहरी हवा का भय खत्म हो जाता है। मूंगा धारण करने से ईर्ष्या दोष समाप्त होता है, साहस व आत्म-विश्वास में वृद्धि होती है। मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोगों को मूंगा पहनने से अत्यन्त लाभ होता है। उदासी व मानसिक अवसाद पर काबू पाने के लिए मूॅगा रत्न अवश्य धारण करना चाहिए। किसी बच्चे को आलस्य बहुत सता रहा है तो… पुलिस, आर्मी, डाक्टर, प्रापर्टी का काम करने वाले, machinery निर्माण करने वाले, सर्जन, कम्प्यूटर साप्टवेयर व हार्डवेयर इन्जीनियर आदि लोगों को मूॅगा पहनने से विशेष लाभ होता है। अगर किसी बच्चे को आलस्य बहुत सता रहा है तो उसे मूॅगा पहनाने से उसका आलस्य दूर भाग जाता है। यदि किसी व्यक्ति को रक्त से सम्बन्धित कोई दिक्कत है तो उसे मूंगा पहनने से फायदा मिलता है। मिर्गी तथा पीलिया रोगियों के लिए मूंगा पहनना अत्यन्त हितकारी साबित होता है।
₹628.30₹464.94 incl. GSTReal PANNA (natural EMERALD)
0 out of 5(0)पन्ना बुध का रत्न है। बुध ग्रह वाणी, युवा, व्यापार, हाजमा आदि का कारक होता है। बुध ग्रह की दो राशियाॅ होती है मिथुन व कन्या। प्राकृतिक कुण्डली में मिथुन राशि तृतीय भाव में होती है एंव कन्या छठें भाव में पड़ी होती है। पन्ना बहुत ही प्रभावकारी रत्न है।
पन्ना रत्न है फायदेमंद, लेकिन पहनने से पहले जान ले यें बात आईये जानते है कि पन्ना रत्न किसे धारण करना चाहिए और किसे नहीं। पन्ना पहनने के लाभ पन्ना रत्न बुध ग्रह से सम्बन्धित है और बुध का स्मरण शक्ति पर सबसे अधिक प्रभाव रहता है, इसलिए जिन लोगों की स्मरण शक्ति कमजोर हो, उन्हें पन्ना धारण करने लाभ होता है। जो लोग किसी भी प्रकार का व्यापार करते है उनके लिए पहनना अत्यन्त लाभकारी सिद्ध होता है। जिन बच्चों का पढ़ाई में मन न लगता हो या फिर जो पढ़ते हो वह शीघ्र ही भूल जाते है, उन्हें चांदी के लाकेट में पन्ने को बनवाकर गले में धारण करवाना चाहिए।
सर्प भय पन्ने को 10 मिनट तक पानी में डाले उसके पश्चात उस पानी की छींटे आंखों में मारने से नेत्र रोगों में आराम मिलता है एंव आंखे स्वस्थ्य रहती है। जिन लोगों को सर्प भय रहता है, उन्हें पन्ना जरूर धारण करना चाहिए। गणित और कामर्स की अध्यापकों को पन्ना पहनने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। यदि बुध धनेश होकर भाग्य भाव में हो तो पन्ना धारण करने से भाग्य पक्ष में वृद्धि होती है एंव धन की प्राप्ति होती है। यदि बुध सप्तमेश होकर दूसरे भाव में बैठा हो तो पन्ना पहनने से स्त्री व यात्रा के जरिये धन लाभ होता है। बुध शुभ स्थान का स्वामी होकर अगर लाभ भाव में बैठा हो तो पन्ना पहनने लाभ होता है। मिथुन तथा कन्या राशि वालों के लिए पन्ना पहनना अत्यन्त शुभ रहता है। पन्ना किसे नहीं धारण करना चाहिए?
पन्ना रत्न बुध ग्रह से सम्बन्धित है। बुध एक शुभ ग्रह है, इसलिए अगर इन पापी भावों 6, 8, 12 का बुध स्वामी हो तो पन्ना पहनने से अचानक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। यदि बुध की महादशा चल रही है और बुध आठवें या 12वें भाव में बैठा है तो पन्ना पहनने से समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। पन्ने को ओपल व हीरे के साथ नहीं पहनने से नुकसान होता है। पन्ने को मोती के साथ भी धारण नहीं करना चाहिए। स्वास्थ्य में पन्ने का लाभ जिन लोगों का हाजमा खराब रहता हो, उन्हें पन्ना अवश्य धारण करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को पन्ना धारण करने से अधिक लाभ मिलता है। जो लोग दमा रोग से पीड़ित है, उन्हें पन्ना रत्न चांदी की अॅगूठी में बनवाकर कनिष्ठका अॅगुली में धारण करने से रोग में कमी आती है। पन्ना पहनने से पौरूष शक्ति में वृद्धि होती.
धारण करने की विधि- मंगलवार के दिन प्रातःकाल स्नान-ध्यान करके पन्ने को गंगाजल में दूध मिलाकर डाल दें फिर दूसरे दिन बुधवार को स्नान-ध्यान करके ‘‘ऊॅ बुं बुधाय नमः” की कम से कम एक माला का जाप करने के बाद पन्ने को कनिष्ठका उॅगुली में धारण करें। सूर्योदय से लेकर सबुह 10 बजे तक पन्ना धारण कर लें। मंगलवार, बुधवार और गुरूवार को इन तीन दिन तक नानवेज एंव धूम्रपान कदापि न करेें अन्यथा पन्ना पहने से विशेष लाभ नहीं होगा।
₹1,285.44 incl. GSTNatural RUBY(manak, surya)
0 out of 5(0)माणिक एक बहुमूल्य रत्न है जो लगभग सभी व्यक्तियों को आकर्षित करती है। मणिक रत्न जो अंग्रेजी में रूबी (Ruby) के नाम से जाना जाता है, माणिक हिंदू धर्म में एक बहुत प्रतिष्ठित रत्न है, वैदिक ज्योतिष के अनुसार, माणिक सूर्य (Sun) का रत्न है, सूर्य हमारी संस्कृति और परंपराओं में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। एक पोषणकर्ता, एक महत्वपूर्ण ऊर्जा प्रदाता, सूर्य हमारे ब्रह्मांड की आत्मा है
माणिक रत्न पहनने के लाभ (Benefits of Wearing Ruby Stone)
- माणिक कायरता को दूर करने में मदद करता है ऐसे व्यक्तियों के लिए जो स्वयं को सुनने में मुश्किल पाते हैं, उनके लिए माणिक एक शानदार रत्न है।
- माणिक पत्थर (Ruby stone) उन जोड़ों से पहना जाना चाहिए, जिन्हे अपने रिश्ते को बनाये रखना मुश्किल लग रहा हैं।
- माणिक रत्न पहने हुए व्यक्ति को उनके जीवन में नाम, प्रसिद्धि, लोकप्रियता प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। माणिक रत्न निजी जीवन में रचनात्मकता और आत्मविश्वास उत्पन्न करता है।
- यह रत्न उन व्यक्तियों की मदद करता है जो इंजीनियरिंग, मेडिकल, भूविज्ञानी, वकील, नेताओं, कपड़ा व्यापारी, स्टॉक दलाल क्षेत्र में काम करते हैं।
- यह इस पत्थर के बारे में कहा जाता है कि यह पत्थर पहनने से सकारात्मक सोच को बढ़ावा मिलता है, जो संबंधों में खुशी, प्रेम और सद्भाव को बढ़ाता है।
- जो व्यक्ति व्यवसायिक समस्याओं का सामना कर रहे है, उन्हें इस पत्थर को पहनना चाहिए क्योंकि यह इस पत्थर के बारे में कहा जाता है कि इस रत्न को पहनने से जीवन में भाग्य और धन आमंत्रित होता है।
- यह कम रक्तचाप, अनियमित दिल की धड़कन या ध्रुमपान, पक्षाघात और सामान्य दुर्बलता का इलाज करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
- यह रत्न राजनीति और जो उच्च कार्यालय या उच्च पदों में सफलता प्राप्त करने के लिए पहना जाता है।
₹710.70₹533.03 incl. GSTReal MOTI (Pearl)
0 out of 5(0)वैदिक ज्योतिष में मोती एक शुभ रत्न माना गया है, यह चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है। वे व्यक्ति जिनकी जन्म कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, उन्हें मोती अवश्य धारण करना चाहिए। क्योंकि यह चंद्रमा से संबंधित सभी दोषों का निवारण करता है। मोती समुद्र में सीपियों द्वारा बनाया जाता है। इस वजह से अच्छी गुणवत्ता के मोती की उपलब्धता कम होती है।
ये सफेद चमकदार और कई आकार में होते हैं लेकिन गोल मोती ही सबसे अच्छा माना जाता है। प्राचीन काल से ही रत्नों में मोती का बड़ा महत्व है। मोती में कुछ चिकित्सीय गुण भी पाये जाते हैं, विशेषकर एशियाई मूल की मेडिकल व्यवस्था में इसका प्रयोग किया जाता है। मोती में क्रिस्टल के समान आध्यात्मिक गुण भी होते हैं। आभूषण के मामले में मोती बेहद लोकप्रिय है, इसे हार या अंगूठी में डालकर पहना जाता है।
अब यदि हम मोती के प्रकारों की बात करें तो, मूल रूप से मोती दो प्रकार के होते हैं ताजा जल वाले मोती और खारे जल वाले मोती। इसके अलावा मोती कई रंगों जैसे गुलाबी और काले आदि तरह के कलर में उपलब्ध होते हैं। आभूषण का शौक रखने वाले लोगों में काले मोती का हार बेहद लोकप्रिय है।
मोती के फायदे
हर सभ्यता और संस्कृति में आभूषण के मामले में मोती बड़ा ही महत्व रखता है। मोती जिसे अंग्रेजी में पर्ल कहते हैं यह शब्द फ्रेंच से लिया गया है जबकि हिन्दी में यह मोती के रूप में प्रसिद्ध है। महिलाएं इस आकर्षक रत्न को हमेशा हार और अंगूठी में पहनना पसंद करती हैं। मोती धारण करने के कई फायदे हैं, जो इस प्रकार है:
- मोती चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है और चंद्रमा मन का कारक होता है, इसलिए मोती धारण करने से मन स्थिर रहता है व नकारात्मक विचारों का नाश होता है।
- मोती के प्रभाव से रिश्तों में मधुरता बनी रहती है, विशेषकर पति-पत्नी के संबंधों में। क्योंकि यह रिश्तों में स्नेह,विश्वास और देखभाल को दर्शाता है।
- मोती महिलाओं के लिए ऊर्जा का सार है, इसलिए उन महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी है, जो किसी रोग से पीड़ित हैं।
- मोती धारण करने से आत्म विश्वास में वृद्धि होती है और जीवन में समृद्धता आती है।
- मोती शारीरिक शक्ति में बढ़ोत्तरी करता है और बुरी ताकतों से आपकी रक्षा करता है।
- मोती के प्रभाव से स्मरण शक्ति में भी वृद्धि होती है और यह कलात्मकता, संगीत,कला और स्नेह के प्रति उत्तेजित करता है।
₹312.71₹250.17 incl. GSTReal Natural Ruby (manak)
0 out of 5(0)माणिक एक बहुमूल्य रत्न है जो लगभग सभी व्यक्तियों को आकर्षित करती है। मणिक रत्न जो अंग्रेजी में रूबी (Ruby) के नाम से जाना जाता है, माणिक हिंदू धर्म में एक बहुत प्रतिष्ठित रत्न है, वैदिक ज्योतिष के अनुसार, माणिक सूर्य (Sun) का रत्न है, सूर्य हमारी संस्कृति और परंपराओं में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। एक पोषणकर्ता, एक महत्वपूर्ण ऊर्जा प्रदाता, सूर्य हमारे ब्रह्मांड की आत्मा है
माणिक रत्न पहनने के लाभ (Benefits of Wearing Ruby Stone)
- माणिक कायरता को दूर करने में मदद करता है ऐसे व्यक्तियों के लिए जो स्वयं को सुनने में मुश्किल पाते हैं, उनके लिए माणिक एक शानदार रत्न है।
- माणिक पत्थर (Ruby stone) उन जोड़ों से पहना जाना चाहिए, जिन्हे अपने रिश्ते को बनाये रखना मुश्किल लग रहा हैं।
- माणिक रत्न पहने हुए व्यक्ति को उनके जीवन में नाम, प्रसिद्धि, लोकप्रियता प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। माणिक रत्न निजी जीवन में रचनात्मकता और आत्मविश्वास उत्पन्न करता है।
- यह रत्न उन व्यक्तियों की मदद करता है जो इंजीनियरिंग, मेडिकल, भूविज्ञानी, वकील, नेताओं, कपड़ा व्यापारी, स्टॉक दलाल क्षेत्र में काम करते हैं।
- यह इस पत्थर के बारे में कहा जाता है कि यह पत्थर पहनने से सकारात्मक सोच को बढ़ावा मिलता है, जो संबंधों में खुशी, प्रेम और सद्भाव को बढ़ाता है।
- जो व्यक्ति व्यवसायिक समस्याओं का सामना कर रहे है, उन्हें इस पत्थर को पहनना चाहिए क्योंकि यह इस पत्थर के बारे में कहा जाता है कि इस रत्न को पहनने से जीवन में भाग्य और धन आमंत्रित होता है।
- यह कम रक्तचाप, अनियमित दिल की धड़कन या ध्रुमपान, पक्षाघात और सामान्य दुर्बलता का इलाज करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
- यह रत्न राजनीति और जो उच्च कार्यालय या उच्च पदों में सफलता प्राप्त करने के लिए पहना जाता है।
₹1,053.69 incl. GSTReal MOTI (Pearl KC)
0 out of 5(0)वैदिक ज्योतिष में मोती एक शुभ रत्न माना गया है, यह चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है। वे व्यक्ति जिनकी जन्म कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, उन्हें मोती अवश्य धारण करना चाहिए। क्योंकि यह चंद्रमा से संबंधित सभी दोषों का निवारण करता है। मोती समुद्र में सीपियों द्वारा बनाया जाता है। इस वजह से अच्छी गुणवत्ता के मोती की उपलब्धता कम होती है।
ये सफेद चमकदार और कई आकार में होते हैं लेकिन गोल मोती ही सबसे अच्छा माना जाता है। प्राचीन काल से ही रत्नों में मोती का बड़ा महत्व है। मोती में कुछ चिकित्सीय गुण भी पाये जाते हैं, विशेषकर एशियाई मूल की मेडिकल व्यवस्था में इसका प्रयोग किया जाता है। मोती में क्रिस्टल के समान आध्यात्मिक गुण भी होते हैं। आभूषण के मामले में मोती बेहद लोकप्रिय है, इसे हार या अंगूठी में डालकर पहना जाता है।
अब यदि हम मोती के प्रकारों की बात करें तो, मूल रूप से मोती दो प्रकार के होते हैं ताजा जल वाले मोती और खारे जल वाले मोती। इसके अलावा मोती कई रंगों जैसे गुलाबी और काले आदि तरह के कलर में उपलब्ध होते हैं। आभूषण का शौक रखने वाले लोगों में काले मोती का हार बेहद लोकप्रिय है।
मोती के फायदे
हर सभ्यता और संस्कृति में आभूषण के मामले में मोती बड़ा ही महत्व रखता है। मोती जिसे अंग्रेजी में पर्ल कहते हैं यह शब्द फ्रेंच से लिया गया है जबकि हिन्दी में यह मोती के रूप में प्रसिद्ध है। महिलाएं इस आकर्षक रत्न को हमेशा हार और अंगूठी में पहनना पसंद करती हैं। मोती धारण करने के कई फायदे हैं, जो इस प्रकार है:
- मोती चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है और चंद्रमा मन का कारक होता है, इसलिए मोती धारण करने से मन स्थिर रहता है व नकारात्मक विचारों का नाश होता है।
- मोती के प्रभाव से रिश्तों में मधुरता बनी रहती है, विशेषकर पति-पत्नी के संबंधों में। क्योंकि यह रिश्तों में स्नेह,विश्वास और देखभाल को दर्शाता है।
- मोती महिलाओं के लिए ऊर्जा का सार है, इसलिए उन महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी है, जो किसी रोग से पीड़ित हैं।
- मोती धारण करने से आत्म विश्वास में वृद्धि होती है और जीवन में समृद्धता आती है।
- मोती शारीरिक शक्ति में बढ़ोत्तरी करता है और बुरी ताकतों से आपकी रक्षा करता है।
- मोती के प्रभाव से स्मरण शक्ति में भी वृद्धि होती है और यह कलात्मकता, संगीत,कला और स्नेह के प्रति उत्तेजित करता है।
₹775.59₹744.57 incl. GSTReal Pukhraj stone (TOPAZ)
0 out of 5(0)पुखराज, बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। यह पीले रंग का एक बहुत मूल्यवान रत्न है जिसकी कार्य क्षमता कई गुना प्रचलित है। ज्योतिष की मानें तो पुखराज धारण करने से विशेषकर आर्थिक परेशानियां कम हो जाती हैं। वहीं यह भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति पुखराज धारण करता है उसे आर्थिक लाभ मिलना शुरू हो जाता है।
पुखराज धारण करने के बाद अच्छा स्वास्थ्य, आर्थिक लाभ, लंबी उम्र और मान प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। जिन कन्याओं के विवाह में देरी हो रही हो उन्हें पुखराज अवश्य धारण करना चाहिए। जिस दंपति को पुत्र की लालसा हो उन्हें भी पुखराज अवश्य धारण करना चाहिए क्योंकि बृहस्पति पति और पुत्र दोनों कारक होता है, लेकिन इसका ध्यान अवश्य रखा जाए कि किसी भी रत्न को धारण करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह अवश्य लें।
पुखराज धारण करने की विधि
यदि आप बृहस्पति देव के रत्न, पुखराज को धारण करना चाहते है, तो 3 से 5 कैरेट के पुखराज को स्वर्ण या चांदी की अंगूठी में जड़वाकर किसी भी शुक्ल पक्ष के गुरुवार को सूर्य उदय होने के बाद इसकी प्राण प्रतिष्ठा करवाकर धारण करें। इसके लिए सबसे पहले अंगुठी को दूध, गंगाजल, शहद और शक्कर के घोल में डाल दें, फिर पांच अगरबत्ती ब्रहस्पतिदेव के नाम जलाएं और प्रार्थना करें कि हे बृहस्पति देव मै आपका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आपका प्रतिनिधि रत्न पुखराज धारण कर रहा/रहीं हूं, कृपया करके मुझे अपना आशीर्वाद प्रदान करे !
इसके बाद अंगूठी को निकालकर 108 बारी अगरबत्ती के ऊपर से घुमाते हुए ॐ ब्रह्म बृह्स्पतिये नम: का जाप करे तत्पश्चात अंगूठी विष्णु जी के चरणों से स्पर्श कराकर तर्जनी में धारण करे! बृहस्पति के अच्छे प्रभावों को प्राप्त करने के लिए उच्च कोटि का सिलोनी पुखराज ही धारण करें, पुखराज धारण करने के 30 दिनों में प्रभाव देना आरम्भ कर देता है और लगभग 4 वर्ष तक पूर्ण प्रभाव देता है और फिर निष्क्रिय हो जाता है ! निष्क्रिय होने के बाद आप पुन: नया पुखराज धारण कर सकते है। अच्छे प्रभाव के लिए पुखराज का रंग हल्का पीला और दाग रहित होना चाहिए, पुखराज में कोई दोष नहीं होना चाहिए अन्यथा शुभ प्रभाओं में कमी आ सकती है।
सुनहला भी हो सकता है पुखराज का विकल्प
अगर किसी व्यक्ति के पास पैसों की समस्या है तो वह सुनहला भी धारण कर सकता है, हालांकि ये पुखराज जैसा असर तो नहीं दिखाएगा लेकिन काफी सारी समस्याओं का निदान करता है। पीतल या तांबे की धातू में सुनहला को जड़वाकर पुखराज जैसी विधि से ही पहनने से यह लगभग पुखराज जैसा काम करता है। माना तो यहां तक जाता है कि अगर जातक को सुनहला सूट करेगा तो कुछ ही दिन में स्वयं ही व्यक्ति की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी तो हो ही जाएगी कि वह असली पुखराज सोने में जड़वाकर पहन सकता है।₹1,008.45 incl. GST
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